निदा फ़ाज़ली शायरी | Nida Fazli Shayari in hindi
Nida Fazli Shayari अब किसी से भी शिकायत न रहीजाने किस किस से गिला था पहले हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरामैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समुंदर मेरा उस को रुख़्सत तो…
Nida Fazli Shayari अब किसी से भी शिकायत न रहीजाने किस किस से गिला था पहले हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरामैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समुंदर मेरा उस को रुख़्सत तो…