Gulzar good morning quotes
अब शाम नहीं होती, दिन ढल रहा है… शायद वक़्त सिमट रहा है!! आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ यूँ भी इक बार तो होता कि…
अब शाम नहीं होती, दिन ढल रहा है… शायद वक़्त सिमट रहा है!! आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ यूँ भी इक बार तो होता कि…