एक पुलिसकर्मी अजित डोभाल की कहानी – Ajit Doval Story In Hindi
आज हम उस इंसान की बात करने वाले है जिनके परिवार का देश सेवा का एक इतिहास रहा है। यह उस बन्दे की कहानी है जो की अपनी प्रतिभा के कारण बहुत जल्द अपने काम का महारथी हो गया। वह जिस डिपार्टमेंट में जाता था अपने प्रतिभा और मेहनत से लोगो को आकर्षित करता रहा है। निचे हमने अजित डोभाल के जीवन के अनेक महत्वपूर्ण घटनाओ को एक जगह रखने का प्रयास किया है

Ajit Doval history in hindi – अजित डोभाल जीवनी
यह व्यक्ति कोई और नहीं अजित डोभाल हैं जो की पुलिस सेवा से 2005 में सेवा निवृत हुए और उसके बाद कई महत्वपूर्ण पदों पर अपने अनुभव से देश की सेवा कर रहे हैं। यह भारत की दोनों पार्टियों के शासन में अपना प्रतिभा के कारण नाम कमाया है। इनकी जीवनी हमें बताती है की आपकी विचारधारा चाहे जो भी आपको अपना काम मन लगा कर करना चाहिए
सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टर माइंड माने जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 20 जनवरी को 1945 में हुआ था. डोभाल के पिता, आर्मी में मेजर जी। एन। डोभाल, भारतीय सेना में एक अधिकारी थे.
Ajit Doval balochistan – अजीत डोभाल पाकिस्तान
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर सैन्य स्कूल अजमेर, राजस्थान में प्राप्त की। उन्होंने 1967 में आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त किया है. 1968 केरल बैच के IPS अफसर अजीत डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद साल 1972 में इंटेलीजेंस ब्यूरो से जुड़ गए थे. वह मिजोरम और पंजाब में उग्रवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल थे



अजीत डोभाल ने करियर में ज्यादातर समय खुफिया विभाग में ही काम किया है. कहा जाता है कि वह सात साल तक पाकिस्तान के लाहौर में मुसलमान बनकर रहे थे. वे भारत के ऐसे एकमात्र नागरिक हैं, जिन्हें 1988 में सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान पाने वाले वह पहले पुलिस अफसर हैं.
साल 1989 में अजीत डोभाल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन ब्लैक थंडर’ का नेतृत्व किया था. ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान उन्होंने एक जासूस की भूमिका निभाई और महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई, जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका.
डोभाल उन तीन वार्ताकारों में से एक थे जिन्होंने 1999 में कंधार में IC-814 से यात्रियों की रिहाई के लिए बातचीत की थी। उन्हें भारतीय एयरलाइंस के सभी 1971-1999 में 15 अपहरण के प्रयासों को विफल किया है.
साल 2005 में अजीत डोभाल इंटेलीजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर पद से रिटायर हो गए. इसके बाद साल 2009 में अजीत डोभाल विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के फाउंडर प्रेसिडेंट बने. इस दौरान न्यूज पेपर में लेख भी लिखते रहे. जम्मू-कश्मीर में डोभाल ने कई आतंकियों को सरेंडर कराया था.
2009 और 2011 में भाजपा द्वारा गठित टास्क फोर्स के एक हिस्से के रूप में अग्रणी उन्होंने “इंडियन ब्लैक मनी अब्रॉड इन सीक्रेट बैंकों और टैक्स हेवन्स” पर दो रिपोर्टों को दूसरों के साथ लिखा था.
nsa ajit doval -अजीत डोभाल
अजीत डोभाल 33 साल तक नार्थ-ईस्ट, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में खुफिया जासूस रहे हैं. 30 मई, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया.
डोभाल को तत्कालीन विदेश सचिव एस जयशंकर और चीन में भारतीय राजदूत विजय केशव गोखले के साथ राजनयिक चैनलों और बातचीत के माध्यम से डोकलाम गतिरोध को हल करने के लिए व्यापक रूप से श्रेय दिया जाता है।



अक्टूबर 2018 में, उन्हें रणनीतिक नीति समूह (एसपीजी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में तीन स्तरीय संरचना का पहला स्तर है ।
27 फरवरी 2019 को, पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना के हवाई हमले के बाद भारतीय और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया और बाद में भारत में पाकिस्तानी वायु सेना ने जवाबी हमला किया और बाद में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय पायलट अभिनंदन वर्थमान को पकड़ लिया गया। तब अजीत डोभाल ने भारतीय पायलट की रिहाई के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बातचीत की थी.
3 जून, 2019 को उन्हें 5 साल के लिए एनएसए के रूप में फिर से नियुक्त किया गया और उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रैंक दिया गया.पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान वह सबसे ज्यादा चर्चा में आए.वह भारत के वास्तविक जीवन जेम्स बॉन्ड के रूप में मीडिया में लोकप्रिय हैं
Ajit Doval family -अजीत डोभाल परिवार
जीवनसाथी (अरुण डोभाल) 1972 में उनकी शादी हुई थी
उनके दो लड़के हैं विवेक डोभाल, शौर्य डोभाल .
शौर्य डोभाल एक निजी इक्विटी पेशेवर और सार्वजनिक नीति विचारक हैं। वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं . वह इंडिया फाउंडेशन का नेतृत्व करते हैं, जो नई दिल्ली में एक थिंक टैंक है, जो आधिकारिक तौर पर निर्मला सीतारमण और सुरेश प्रभाकर प्रभु जैसे लोगों के साथ अपने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में शामिल है।
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