एक धनी व्यक्ति को हृदय रोग था। डॉक्टर ने उसके परिवारजनों को हिदायत दी थी कि उस व्यक्ति को कोई भी सदमा नहीं पहुँचना चाहिए। वह आदमी पेशे से व्यापारी था. किसी कार्यवश दूसरे शहर गया हुआ था। 5 महीने बाद उसका नौकर उसके पास पंहुचा. तभी उसका नौकर वहाँ आकर बोला, “मालिक! मैं यहाँ यह बताने आया हूँ कि आपकी बिल्ली मर गया है।” व्यापारी ने चौंकते हुए कहा, “वह कैसे मर गया?” । “उसने कुत्ते का बहुत सारा माँस खा लिया था।”
जवाब मिला। “क्या मतलब है तुम्हारा? क्या मेरा कुत्ता भी मर गया?” नौकर बोला, “मालिक आपके अस्पताल के सभी घोडे भूख के कारण मर गए?” “क्या! नौकरों ने उन्हें भोजन नहीं दिया?”
मालिक ने पूछा। “वे घोड़ों को भोजन कैसे देते, वे तो स्वयं ही भूखे थे,” नौकर ने बताया। “क्यों? क्या मेरी पत्नी ने उन्हें उनकी मजदूरी नहीं दी?” मालिक ने पूछा। “वे भोजन के बिना कैसे जिंदा रहती?” नौकर ने जवाब दिया।

“क्या तुम्हारे कहने का यह अर्थ है कि मेरी पत्नी भी मर गई?” मालिक ने विस्मय से पूछा। तब उसने बताया, “मालिक, पिछली रात घर में आग लग गई थी और उसमें सबकुछ जलकर समाप्त हो गया।” इस प्रकार नौकर ने अपने मालिक को सदमा दिए बगैर सब सच बता दिया।
कहानी से सिख
समझदार व्यक्ति हर समस्या का हल निकाल लेते हैं.