हनुमान जयंती की कहानी | Hanuman jayanti in hindi

Hanuman jayanti

हनुमान जयंती एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है । हनुमान, जिन्हें वानर भगवान के रूप में भी जाना जाता है, का जन्म इस दिन  दिन हुआ था । भगवान राम और स्वयं सीता के एक उत्साही भक्त हनुमान को अंजनि के नाम से भी जाना जाता है।

स शुभ दिन पर  भगवान हनुमान के भक्त उन्हें मनाते हैं और उनकी सुरक्षा और आशीर्वाद मांगते हैं। वे उनकी  पूजा करने और धार्मिक प्रसाद पेश करने के लिए मंदिरों में जाते हैं। बदले में मंदिर के पुजारियों द्वारा मिठाई, फूल, नारियल, तिलक, पवित्र राख (उड़ी) और गंगा जल (पवित्र जल) के रूप में भक्तो को प्रसाद मिलता है । लोग इस दिन हनुमान चालीसा और रामायण और महाभारत जैसे पवित्र ग्रंथों पाठ का करके भी उन्हें मनाते हैं।

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हनुमान जयंती | Hanuman jayanti 2021

भक्त अपनी क्षेत्रीय मान्यताओं और कैलेंडर के प्रकार के अनुसार वर्ष के अलग-अलग समय में हनुमान जयंती मनाते हैं। चैत्र पूर्णिमा के दौरान हनुमान जयंती उत्तर भारतीय राज्यों में सबसे लोकप्रिय है ।

हनुमान जयंती 2021 में 27 अप्रैल को है ।

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हनुमान जयंती मुहूर्त | Hanuman Jayanti Muhurat 2021

पूर्णिमा तीथि आरम्भ – 27 अप्रैल 2021 12:00 अपराह्न

पूर्णिमा तीथि समाप्त -8:03 AM पूर्वाह्न ०, 8 अप्रैल, 2021

हनुमान जयंती

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हनुमान जयंती 41 दिनों तक मनाई जाती है जो चैत्र पूर्णिमा से शुरू होती है । आंध्र प्रदेश में भक्त चैत्र पूर्णिमा के दिन 41 दिनों की दीक्षा शुरू करते हैं और हनुमान जयंती के दिन इसका समापन करते हैं।

तमिलनाडु में, हनुमान जयंती को हनुमथ जयंती के रूप में जाना जाता है और मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में तमिल हनुमान जयंती जनवरी या दिसंबर में आती है।

कर्नाटक में  शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन को हनुमान व्रतम के नाम से जाना जाता है। हनुमान का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। हनुमान जयंती के दिन मंदिरों में सूर्योदय से पहले आध्यात्मिक प्रवचन शुरू होते हैं और सूर्योदय के बाद इसे रोक दिया जाता है।

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हनुमान जी को भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार माना जाता है। हनुमान जी की जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हुआ। इससे ठीक पांच दिन पहले राम नवमी भी मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी है। कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी मनवांधित फल देते हैं।

कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण मंदिरों में हनुमान जयंती नहीं मनाई जाएगी इसलिए घर पर बैठकर ही आप भगवान की विशेष पूजा अर्चना कर सकते है।

बजरंग बली हनुमान जयन्ती को लोग हनुमान मंदिर में दर्शन हेतु जाते है। । चूँकि यह कहा जाता है कि ये बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इन्हे जनेऊ भी पहनाई जाती है। हनुमानजी की मूर्तियों पर सिंदूर और चांदी का वर्क चढाने की परम्परा है।

हनुमान जयंती

इस बार हनुमान जयंती पर विशेष संयोग है। कहा जा रहा है कि यह संयोग चार सौ साल बाद बना है। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार चैत्र पूर्णिमा पर हस्त नक्षत्र, बालव करण, व्यतिपात योग व आनंद योग, सिद्धयोग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग हैं। । इस दिन सबुह स्नान करके भगवान के सामने चौमुखी दिया जलाएं। । इसके अलावा सुंदरकांड का पाठ और हनुमान चालीसा का जाप  भी करना चाहिए ।

Rituals of Hanuman jayanti in hindi

हनुमान जयंती के दिन इन बातो का विशेष ध्यान रखें |

 हनुमान जी को पुरुष वाचक पुष्प जैसे गेंदा, हजारा, कनेर, गुलाब आदि ही चढ़ाएं। स्त्रीवाचक फूलों को जैसे जूही, चमेली, चम्पा, बेला आदि न चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में मालपुआ, लड्डू, हलुआ, चूरमा, केला, अमरूद आदि का भोग लगाएं। गाय के घी के दीपक को अर्पित करें।   पूजन में लाल व पीले वस्त्र, केसरयुक्त चंदन, मूंज की यज्ञोपवीत, विशेष शुभ प्रभावी होते हैं।