साधारण इंसानों में एक प्रवृति होती है जिसमे की की अगर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता तो हम उसे छोड़ देते है या फिर उससे भागने की कोशिश करते है। सारी सुविधाए उपलब्ध होने के बाद भी बहुत लोग असफल हो जाते है ।
वही कई दूसरे लोगो का उदहारण पढ़ते है जहाँ पर तमाम कठिनाइयों के बावजूद जीवन में असंभव से लगने वाले काम कर लेते हैं । कई लोग है जो जन्म से अपाहिज होते है या फिर किसी दुर्घटना के कारण वह हमेशा के लिए विकलांग बन जाते है ऐसे लोग अपनी विकलांगता को जानते हुए ऐसे मुश्किल काम कर दिखाते है जो दुनिया के सभी लोग नही कर सकते। ऐसे अपाहिज लोगो की कई सारी कहानिया है जो पूरी दुनिया को प्रेरित inspire करने का काम करती है।
चलिए ऐसे ही कुछ लोगो famous handicapped person in hindi के inspirational story -इंस्पिरेशनल प्रेरणा दायक कहानियो को समझते है ।
Arunima Sinha Inspirational Story in hindi | अरुणिमा सिन्हा
11 अप्रेल, 2011 राष्ट्रीय वालीबॉल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा लखनऊ से दिल्ली जा रही थी| कुछ लुटेरों ने सोने की चेन छिनने का प्रयास किया, जिसमें कामयाब न होने पर उन्होंने अरुणिमा को ट्रेन से नीचे फेंक दिया|
पास के ट्रैक पर आ रही दूसरी ट्रेन उनके बाएँ पैर के ऊपर से निकल गयी जिससे उनका पूरा शरीर खून से लथपथ हो गया| वे अपना बायाँ पैर खो चुकी थी और उनके दाएँ पैर में लोहे की छड़े डाली गयी थी| उनका चार महीने तक दिल्ली के आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में इलाज चला|

वह खुद को दूसरी नजरो में कमजोर या लाचार नहीं देखना चाहती थी इसलिए उन्होंने जिंदगी को फिर से जीने का मन बना लिया था |क्रिकेटर युवराज सिंह से प्रेरित होकर उन्होंने कुछ ऐसा करने की सोची ताकि वह फिर से आत्मविश्वास भरी सामान्य जिंदगी जी सके |
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्होंने एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की | 52 दिनों की कठिन चढ़ाई के बाद आखिरकार उन्होंने 21 मई 2013 को उन्होंने एवेरेस्ट फतह कर ली| एवेरस्ट फतह करने के साथ ही वे विश्व की पहली विकलांग महिला पर्वतारोही बन गई |
वे अपने इस महान प्रयासों के साथ साथ विकलांग बच्चों के लिए “शहीद चंद्रशेखर आजाद विकलांग खेल अकादमी” भी चलाती है | वे हार मानकर असहाय की जिंदगी जी सकती थी लेकिन उनके हौसले और प्रयासों ने उन्हें फिर से एक नई जिंदगी शुरू की
Ira Singhal inspirational story in hindi – इरा सिंघल
हर वर्ष लाखों विद्यार्थी IAS Officer बनने के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा देते है, लेकिन मुश्किल से .025% विद्यार्थी ही IAS Officer क्वालीफाई कर पाते है । इस Exam की Final Success Rate सामान्यत: 0. 30% के करीब होती है | लेकिन बुलंद हौसले वाले लोग मुश्किलों से डरते नहीं और सफलता को अपने आगे झुका के ही दम लेते हैं।
UPSC Civil Services Exam 2014 का नतीजे कुछ खास था क्यूंकि पहले स्थान पर एक ऐसी लड़की सफल हुई जिसका 60% शरीर विकलांग है उस लड़की का नाम इरा सिंघल -Ira Singhal था | इरा रीढ़ से संबंधित बीमारी स्कोलियोसिस से जूझ रही हैं. इसके चलते उनके कंधों का मूवमेंट ठीक से नहीं हो पाता है.
इरा सिंघल ने 2006 में नेता जी सुभाष चंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीई इन कंप्यूटर इंजीनियरिंग की है. 2008 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैक्ल्टी आफ मैनजमेंट स्टडीज से पढ़ाई की.
वे 2008 से 2010 तक कैडबरी इंडिया लिमिटेड में कस्टम डिवेलपमेंट मैनेजर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं|



शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद वो UPSC की जनरल कैटगरी में टॉप करने वाली देश की पहली प्रतिभागी हैं | उसने यह साबित कर दिया है कि मेहनत और बुलंद हौसलों के आगे दुनिया की कठिनतम समस्याऐ झुक जाती है |
इरा सिंघल ने 2010 में ही सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली थी और वे IRS पद पर नियुक्ति की हकदार थी | लेकिन शारीरिक रूप से विकलांग होने के कारण डिपार्टमेंट ने उनकी नियुक्ति पर रोक लगा दी | लेकिन उन्होंने Central Administrative Tribunal (CAT) में मामला दर्ज कराया |
CAT का फैसला इरा सिंघल -IRA Singhal के पक्ष में आया और उन्हें Assistant Commissioner of Customs and Central Excise Service पर नियुक्त किया गया | उन्होंने 2014 Civil Service Exam में Top कर फिर से यह साबित कर दिया कि भले ही वे शारीरिक रूप से कमजोर है लेकिन मानसिक रूप से बेहद शक्तिशाली है|
Sudha Chandran Inspirational Story in hindi |सुधा चंद्रन
सुधा चंद्रन (जन्म 27 सितंबर 1965) एक भारतीय फिल्म और टेलीविजन अभिनेत्री और एक कुशल भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं।
सुधा चंद्रन का जन्म मुंबई में हुआ था। उनका जन्म और पालन-पोषण मुंबई में हुआ था, लेकिन उनका परिवार तमिलनाडु के तिरुचिरपल्ली के वायलूर से था।उनके पिता के.डी.चंद्रन, यूएसआईएस में काम करते थे और पूर्व अभिनेता हैं। सुधा चंद्रन ने बी.ए. मुंबई के मीठीबाई कॉलेज से और बाद में अर्थशास्त्र में MA किया था ।
मई 1981 में लगभग 16 साल की उम्र में तमिलनाडु में, चंद्रन एक दुर्घटना के साथ मिले, जिसमें उनके पैर घायल हो गए थे। उसे स्थानीय अस्पताल में अपनी चोटों का प्रारंभिक चिकित्सा उपचार प्राप्त हुआ और बाद में उसे मद्रास के विजया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जब डॉक्टरों को पता चला कि उसके दाहिने पैर में गैंग्रीन का गठन किया गया था, तो काटने की आवश्यकता थी। चंद्रन का कहना है कि यह अवधि उनके जीवन का सबसे कठिन समय था । बाद में उन्होंने एक कृत्रिम जयपुर पैर की मदद से कुछ गतिशीलता हासिल की।
उसने दो साल के अंतराल के बाद नृत्य किया और भारत, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, बहरीन, यमन और ओमान में प्रदर्शन किया।



चंद्रन ने अपने करियर की शुरुआत तेलुगु फिल्म मयूरी से की थी, जो उनके खुद के जीवन पर आधारित थी। फिल्म को बाद में तमिल और मलयालम में डब किया गया था। मयूरी में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में 1986 के विशेष जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
चंद्रन की टेलीविजन पर उल्लेखनीय शो Kaahin Kissii रोज़ शामिल हैं। वह 2007 में डांस रियलिटी शो झलक दिखला जा 2 में एक प्रतियोगी थीं। वह 2015 के टीवी और धारावाहिक नागिन में यामिनी के रूप में दिखाई देती हैं।
Ravindra Jain Inspirational Story in hindi | रविंद्र जैन
भारतीय सिनेमा के मशहूर गीतकार-संगीतकार रविंद्र जैन ने अपनी काबिलियत के दम पर बॉलीवुड को कई बेहतरीन गानें दिए। रविंद्र जन्म से ही अंधे थे लेकिन उन्होंने अपनी लगन और मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी। और बाद में एक बेहतरीन संगीतकार कहलाए।
रवींद्र जैन का जन्म 28 फरवरी 1944 को पंडित इंद्रमणि जैन और किरण जैन के रूप में हुआ था, जो सात भाइयों और एक बहन की तीसरी संतान थे। वह जैन समुदाय से हैं। उनके पिता संस्कृत के पंडित थे; उनकी माँ एक गृहिणी थीं।



उनके पिता ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें संगीत में औपचारिक शिक्षा के लिए जी.एल.जैन, जनार्दन शर्मा और नाथू राम जैसे दिग्गजों के पास भेजा। कम उम्र में उन्होंने मंदिरों में भजन गाना शुरू कर दिया।
उनके कामों में सौदागर, चोर मचाए शोर, चितचोर, गीत गाता चल, फकीरा, अंखियां के झरोखों से, दुल्हन वही जो पिया मन भाये, पहेली, जसो, पति पत्नि और वो, इंसाफ का तराजू, नदिया के पार, राम गंगा और गंगा शामिल हैं। मेलि और हेन्ना
उन्होंने अपने गीत गाने के लिए येसुदास और हेमलता का भरपूर उपयोग किया। उन्होंने बंगाली और मलयालम सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में कई धार्मिक एल्बमों की रचना की।
उन्होंने कई टेलीविजन श्रृंखलाओं के लिए संगीत तैयार किया। रामानंद सागर की रामायण के लिए उनका संगीत प्रतिष्ठित हो गया । टीवी पर उनके कुछ सबसे लोकप्रिय काम हैं श्री कृष्ण, अलिफ लैला, जय गंगा मैया, जय महालक्ष्मी, श्री ब्रह्मा विष्णु महेश, साईं बाबा, जय माँ दुर्गा, जय हनुमान और महावीर महाभारत ।
उन्हें कला में उनके योगदान के लिए 2015 में भारत गणराज्य के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया । उन्हें 1985 में राम तेरी गंगा मैली में उनके काम के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला ।
जैन का विवाह दिव्या जैन से हुआ, जिनसे उन्हें एक बेटा है। कई अंग विफलता के कारण 9 अक्टूबर 2015 को मुंबई में उनका निधन हो गया ।
success stories in hindi pdf
हम पाठको के लिए इसी जगह पर प्रश्तुत करेंगे
विकलांग आदमी जिसने मानवता को नयी दिशा दी है। क्लिक करिये